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म गह। राग- बगल मोहि राखो हो शरना श्रीमान जिनगयी । मो० गरभ साट सित छट्ट लियो निधि. त्रिशलाउर अपहरना। सुर सुरपति तितलेव करी नित. में पूजो सव-तरना । मोहि राखो हो शरना. श्रीवद्धमान जिनरारजी !
ल्या माहिर जनम चेततित तेरसके दिन, कुण्डलपुर कन-बरता । सुरगिरि लुरगुल पूज रचायो में पूजो सव-हरना मो० ॐ ही केल्दा
जान कर ! मगसिर असित मनोहर दशनी. ता दिन तर आचरना। नप-कुमार घर पारन कीनों में पूजों तुन बरला । सो ਵਜੋਂ ਵੀ ਜਾਂ ਕੁਦਰਾਵਾਂ ਨੇ ਅੱਤ । शुकल दशै बैशाख दिवल अरि. घाति-चतुक छय करना। केवल लहि भविभवलर तारे. जजौचरन सुखभरना मो० में ही देगाल्गन्दा काम र दार दिन्न्दरा कार्तिक श्याम अमावश शिव तिय, पावापुरते एरना । गन-फनि-वृन्द जतित वहविधि,मैं पूज्यों भव्हरनामो० ओं हैं जनाचा मोहाडनरोन्ही मिन्द्रः ।
जयनाल, बन्द हरिणीता २८ मात्रा! गणधर असनिधर. चक्रधर हलधर गदाधर वरवदा ।