________________
आयोजनों के लिए नये कीर्तिमान स्थापित कराने वालों में वे सर्वाधिक योगदान करने वाले सदस्य माने जा रहे हैं . . . . . . . . . .
8. आचार्य शांतिसागर जी महाराज के समय अब से गठित मुनिसंच कमेटी की पिछले 25 वर्षों से कार्यकारिणी के सदसथ हैं। फलतः आचार्य श्री विधानंद जी मुनिराज, आचार्यश्री बाहुबली जी, आचार्य श्री पुष्पदन्त जी, गणधराचार्य कुंथुसागर जी, स्व. आचार्यश्री विमलसागर जी, आचार्य श्री कल्याणसागर जी, आचार्य श्री सुमतसागर जी, उपाध्याय श्री ज्ञानसागर जी, उपाध्याय श्री गुप्तिसागर जी, उपाध्याय श्री श्रुतसागर जी, उपाध्याय श्री निर्णयसागर जी एवं इनके शिष्य मुनिराजों एवं आर्यिका माताओं के दिल्ली के विभिन्न आंचलों में विहार एवं धर्म-सभा कराने का आशीर्वाद एवं सौभाग्य इन्हें प्राप्त हो रहा है।
9. भगवान् महावीर के 2500वें निर्वाण महोत्सव में निष्ठावान, समर्पित एवं विनयशील कार्यकर्ता के रूप में उभरे श्री प्रताप जैन ने स्व. अक्षयकुमार जैन एवं श्री यशपाल जैन के परामर्श से श्री पारसदास जैन की अध्यक्षता में तीर्थंकरों की वाणी को मूर्तरूप देने के लिए 'जागृत वीर समाज' की स्थापना कराई। स्थापना से लेकर अब तक आप उसके सचिव हैं। इस संस्था के विविध रचनात्मक कार्यों से सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों को नया मोड़ मिला। ___10. रोटरी और लायंस और क्लब जैसी अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के बाद 1976 से 1986 तक दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर 'ट्रिपल एंटीजन इंजेक्शन एवं पोलिया दवा वितरण के शिविर लगाने वाली प्रथम भारतीय समाज सेवी संस्था है। उसके ये कर्मठ सदस्य के रूप में माने जा रहे हैं। ___11. 1977 से 1986 तक सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ एजूकेशन की परीक्षाओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित समारोह में प्रशास्ति-पत्र एवं
पथावतीपुरवाल दिसम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
379