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साथ उन्होंने पद्मावती-सदिश का प्रकाशन एवं सम्पादन कर नई पीढ़ी को अनेकाविध प्रेरणाएं प्रदान की।
प्रो. भागवन्द्र जैन (सरनऊ, एटा, यू.पी.) आपने सन् 1958 से चांदनी चौक, दिल्ली स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया में कैशियर-पद पर योग्यतापूर्वक कार्यरत रहते हुए भी महत्त्वपूर्ण लेखन-काय कर समाज के समुन्नयन में महत्त्वपूर्ण योगदान किया।
पं. हीरालाल जी (सुपुत्र श्री मुकुन्द राम जैन) इनका जन्म तालोद (देवास, मध्यप्रदेश) में वि.सं. 1973 में हुआ। आपका सारा जीवन समाज-सेवा में व्यतीत हुआ। सुप्रसिद्ध पत्रकार एवं समाजसेवी श्री पारसदास जैन
श्रम और मानवता में अटूट आस्था जिनके जीवन का मूलमंत्र है, ऐसे सौम्य एवं मधुर स्वभाव के वरिष्ठ पत्रकार श्री पारसदास जैन समाज के उन कर्मठ कार्यकर्ताओं एवं बुद्धिजीवियों में से हैं, जिन्होंने अपने जीवन की लगभग अर्द्ध-शताब्दी समाज सेवा और उसके उन्नयन में लगाई है। समाज की संसद कही जाने वाली अखिल भारतीय संस्था-दिगम्बर जैन महासमिति के वे संस्थापक सदस्य हैं तथा समाज की सबसे पुरानी क्रांतिकारी सुधारवादी संस्था अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन परिषद् से लगभग 50 से सक्रिय रूप से जुड़े हैं। यश की आकांक्षा से दूर निःस्वार्थ भाव से सबके काम के लिए तत्पर श्री पारसदास जैन की धर्म
और समाज के लिए उल्लेखनीय सेवाएं हैं। __ 1 सितम्बर, 1927 को ज्ञानपंचमी के दिन उत्तरप्रदेश के एटा जिले में स्थित बेरनी गांव में उनका जन्म हुआ। माता श्रीमती गोमश्री जैन पञ्चावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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