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बाद में नोएडा प्राधिकरण में उच्च अधिकारी, दिल्ली विकास प्राधिकरण प्रति नियुक्ति, पर सचिव रहे। बाद में वहीं पर डाइरेक्टर और एडीशनल कमिश्नर (कामर्शियल लैंड) भी रहे। 1993 में आप सेवा निवृत हुए।
श्री महावीर प्रसाद जी, सकारात्मक सोच के शिक्षित, स्वस्थ और सफल अधिकारी के रूप में रहे। आप आडम्बरहीन धर्म में विश्वास करते हैं। कर्तव्य के प्रति हमेशा जागरूक रहे हैं। आप स्पष्टवादी, हाजिर जवाब और विनोदी स्वभाव के हैं।
देश की भावी पीढ़ी को उच्च शिक्षा देने वाली एक संस्था 'कृष्णा इंस्टीच्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलोजी, गाजियाबाद की आपने स्थापना कराई। स्थापना से लेकर अब तक वह उसके चेयरमेन हैं। यह संस्था उत्तरप्रदेश और भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है। देश की उत्तम शिक्षा देने वाली संस्थाओं में इसका नाम है। इस इंस्टीच्यूट में बी. टैक, एम.सी.ए. और बी. फार्मा आदि की उच्च शिक्षा दी जाती है। वर्तमान में लगभग 2250 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और शिक्षकों की संख्या लगभग 125 हैं। धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं से भी आपको लगाव है।
स्व. श्री रामस्वरूप जैन, इन्दौर आप एटा निवासी स्व. श्री बाबूराम जैन के सुपुत्र थे आपका जन्म वि. सं. 1965 पोष सुदी 10 (सन् 1906) में हुआ था। आपके पूज्य पिता श्री भी समाज के श्रेष्ठ कार्यकर्ताओं में से थे। उनका समाज में अपरिमित प्रभाव था।
आप शिशु अवस्था से ही तीक्ष्ण बुद्धि थे। अतः आपने आश्चर्य पूर्ण गति से उच्च शिक्षा प्राप्त की और बी.ए. एल.एल.बी कर वकील बन गये। आपका साहित्य के प्रति लगाव बढ़ता रहा और आपने कई शैक्षणिक पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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