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स्वर्गवास हो गया। सर्वश्री अशोक कुमार, सुभाषचन्द, प्रमोद कुमार और प्रवीन कुमार इनके पुत्र हैं। श्री अशोक कुमार का लम्बी बीमारी के बाद फरवरी 2005 में स्वर्गवास हो गया। __ श्री भोलानाथजी की उल्लेखनीय सेवाओं का स्मरण करते हुए हम उनके उत्तराधिकारियों से भी अधिक सहयोग की आकांक्षा करते हैं।
स्व. लाला श्री पातीराम जैन एटा जिले में खंजर के बुर्ज' जनपद से लाला बिहारीलाल जी के उत्साही पुत्र श्री पातीराम जी अपने परिवार और भाइयों के साथ 1910-11 के आसपास दिल्ली आये। धर्मपुरा में अपना निवास और परचून की दुकान से रोजी रोटी का साधन जुटाया। भाई धनीरामजी और भाई श्री गजाधर लाल जी इनके साथ थे।
लाला पातीरामजी, धार्मिक, मिलनसार और धुनि के धुनी व्यक्ति थे। श्री पद्मावतीपुरवाल पंचायत दिल्ली का संगठन जब आकार ले रहा था, उस समय से लेकर 1974-75 तक वे पंचायत के साथ निरंतर जुड़े रहे। वे युवाओं को कुछ न कुछ काम करने की प्रेरणा देते रहते थे। ___1924-25 में पद्मावती पुरवाल पंचायत के लिए मकान की व्यवस्था होने पर उसके उपयोग को लेकर उठे विवाद के वे केन्द्र में रहे। अस्थायी मंदिर का जीर्णोद्धार और उसकी वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव तक आपका बड़ा योगदान रहा। बाद में भी जीवन के अंतिम प्रहर तक उन्हें लगन लगी रही। 1985 में उनका स्वर्गवास हो गया। __ श्री त्रिलोकचंद जी उनके इकलौते पुत्र हैं। बाद में लाला पातीराम जी ने अपनी फर्म श्री त्रिलोकचन्द जी के पुत्र नरेन्द्रकुमार (छोटेलाल) का नाम रखकर पातीराम नरेन्द्रकुमार के नाम से उसको सौंप दी। श्री छोटेलाल जी उनकी स्मृति में कुछ न कुछ करते रहते हैं। 243
पद्यावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास