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. स्व. श्री भोलानाथजी एटा जिले की रारपट्टी जनपद के लाला अजुध्याप्रसाद जी के युवा पुत्र श्री भोलानाथ जी अपनी पत्नी और भाइयों के साथ 1929-30 में दिल्ली आये और पराठे वाली गली में पराठों की दुकान की। पद्मावती पुरवाल जाति और बच्चों की शिक्षा की ओर उनका विशेष ध्यान था। दिल्ली की पंचायत के कई पदों पर वे रहे । पंचायत में उनका पूरा रुतवा था। 1955-56 के फिरोजाबाद मेले में गठित अखिल भारतीय पद्मावती पुरवाल पंचायत के पदाधिकारियों में थे। दिल्ली की पंचायत के मंत्री के रूप में दिल्ली में रहने वाले पद्मावती पुरवाल जाति के परिवारों की जनगणना कराकर 1972 में उसे प्रकाशित कराया। यह पंचायत का प्रथम प्रकाशन था। वे स्पष्टवादी और दृढ़ निश्चयी व्यक्ति थे।
श्री भोलानाथजी के बड़े भाई श्री गया प्रसादजी अविवाहित थे। वे जीवन पर्यन्त भोला नाथ जी के साथ रहे। इनके छोटे भाई श्री गया प्रसादजी भी इनके साथ दिल्ली आये थे। 1950 के आसपास उनका निधन हो गया। श्री वीरेन्द्रकुमार, श्री महेशचन्द और श्री रवि कुमार इनके
पुत्र हैं।
__1982 में श्री भोलानाथ जी की पत्नी का स्वर्गवास हो गया। अतः कूचा सेठ का पुराना मकान छोड़कर वे अपने छोटे पुत्र श्री सुरेन्द्रकुमार के पास चले गये। 1986 में श्री भोलानाथ जी का स्वर्गवास हो गया। श्री सुरेन्द्र कुमार जी का भी 31-5-95 को स्वर्गवास हो गया। श्री सुरेन्द्र कुमार जी 6-7 वर्ष पंचायत के आडीटर रहे। वे स्पष्टवादी और स्वाभिमानी व्यक्ति होने पर भी संतुलन बनाकर चलते थे। उनके दो पुत्र श्री सुनील जैन और अनिल जैन हैं। श्री सुरेन्द्र कुमारजी भारत सरकार की सेवा में कार्यरत थे।
श्री भोलानाथ जी के बड़े पुत्र श्री धर्मेन्द्रकुमार जैन भारत सरकार से अधिकारी के रूप में सेवा निवृत्त हुए थे। मार्च 2003 में उनका भी पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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