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पद्मावतीपुरवाल-बहुआयामी समाज .यह जानकर मुझे प्रसन्नता हुई है कि आप लोग 'पद्मावती पुरवाल जाति का इतिहास' प्रकाशित करने जा रहे हैं। मुझे विश्वास है कि आपका यह प्रकाशन जाति के गौरव की वृद्धि करने के साथ नई पीढ़ी के मन में सामाजिक चेतना के प्रति उत्साह और स्फूर्ति का संचरण करने वाला भी सिद्ध होगा।
जैन समाज सदा से एक शान्ति-प्रिय, अहिंसक, अनाग्रही, सौजन्यशाली और दानी-परोपकारी समाज के रूप में प्रसिद्ध रहा है। उसकी धार्मिक सहिष्णुता भी जग-जाहिर है। इस समुदाय की हर छोटी-बड़ी जातियों की तरह पद्मावती पुरवाल जाति का अतीत भी ऐसा गौरवशाली है, जिस पर उसे गर्व करने का अधिकार है। देश-भक्ति, समाज-सेवा, शिक्षा-प्रसार, राष्ट्रीय-चिन्तन और उदारता के क्षेत्र में पद्मावती पुरवाल समाज का योगदान, उसकी जन-संख्या के अनुपात में कभी कम नहीं रहा। अपनी समाज की इन विशेषताओं को रेखांकित करने वाला प्रामाणिक इतिहास केवल इस जाति को ही गौरवान्वित नहीं करेगा, वरन् वह पूरी जैन समाज को सत्कार्यों के प्रति प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा।
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