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. ..' श्री प्रेमकुमारजी . पिता श्री सुनहरीलाल जी एवं आपके चाचाजी बाबू देवीप्रसाद जी फिरोजाबाद के नामी सामाजिक कार्यकर्ता थे। स्थानीय पी.डी. जैन इण्टर कालिज की स्थापना एवं प्रगति में दोनों का सक्रिय योगदान रहा। मातुश्री जौमाला की कोख से प्रेमकुमार जी का जन्म 6 अगस्त 1929 को हुआ था। उस समय परिवार की आर्थिक व सामाजिक स्थिति दोनों अच्छी थीं। पिताजी फिरोजाबाद तहसील के प्रमुख वकील थे। अतः लोग उन्हें 'मुख्तार साहब' कहकर पुकारते थे।
प्रारम्भिक शिक्षा फिरोजाबाद में, बी.एससी. आगरा कालिज, आगरा से 1949 में तथा स्वाध्यायी रूप से अर्थशास्त्र एवं समाजशास्त्र में एम.ए. की उपाधियां ग्रहण की। विधि की उपाधि प्राप्त करने के बावजूद धार्मिक प्रवृत्ति होने के कारण संयमित जीवन के परिपालनार्थ अध्यापन कार्य को प्रमुखता दी और पन्नालाल दिगम्बर जैन इण्टर कालिज में सरविस प्रारम्भ कर वहीं से अवकाश ग्रहण किया।
आप मुंशी वंशीधर जैन धर्मशाला फिरोजाबाद, अतिशय क्षेत्र मरसलगंज (आगरा) एवं हकीम मौजीराम बंगालीलाल जैन धार्मिक ट्रस्ट फिरोजाबाद के ट्रस्टी हैं तथा इण्टर कालिज के सदस्य।
पद्मावती संदेश एवं पद्मावती पुरवाल जैन सामाजिक पत्रिकाओं में लिखते आ रहे हैं तथा फिरोजाबाद के जैन मेला में आपका सक्रिय योगदान रहता है। आपके दो पुत्र व दो पुत्री हैं। आपके जीवन पर पूज्य 108 श्री मल्लिसागर जी महाराज की साधना एवं कठिन चर्या का प्रभाव पड़ा और बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति को जीवन का लक्ष्य बना लिया था।
स्व. पंडित पन्नालालजी 'न्याय दिवाकर' । आपका जन्म जारखी (आगरा) में हुआ था। जिस प्रकार मिश्री चारों
पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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