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मानद उपाधियां- वाणीभूषण, व्याख्यान वाचस्पति, विद्यावाचस्पति, समाज भूषण, व्याख्यान केसरी, सिद्धान्तरत्न आदि अनेक मानद उपाधियों से सम्मानित हो चुके हैं।
सम्प्रति
1. अध्यक्ष श्री भारतवर्षीय दि. जैन शास्त्री परिषद
2. महामंत्री श्री अ.भा. दिगम्बर जैन महासभा शताब्दी महोत्सव समिति 3. सम्पादक जैन गजट
4. अध्यक्ष 'अर्हत वचन' (त्रैमासिक शोध पत्रिका) सलाहकार परिषद
रायसाहब बा. नेमिचन्द जैन जलेसर ( एटा)
जन्मजात समाज सेवी के रूप में रायसाहब की जनसेवा और निर्माण कार्यों का बड़ा इतिहास है । आपने नगरपालिका जलेसर के सदस्य के रूप में अपने सार्वजनिक जीवन का प्रारम्भ किया जो बाद में अध्यक्ष बनकर रहे। इस पद पर रहते हुए जलेसर का जीवन बदल दिया। आज वह विकसित नगर बना हुआ है
सार्वजनिक पुस्तकालय, सुभाष पार्क, गांधी शिक्षा सदन के अन्तर्गत एम.जी.एम. इण्टर कालिज आपके कीर्तिस्तम्भ हैं। ब्रिटिश शासन काल में आपने सार्वजनिक कार्यों में तत्कालीन अधिकारियों का पूरा सहयोग प्राप्त किया । माननीय श्री चन्द्रभान जी गुप्त, श्री बनारसीदास जी, श्री मोहनलाल जी गौतम, श्री लालबहादुर जी शास्त्री, पं. श्री कृष्णदत्त पालीवाल आदि मंत्री के रूप में जलेसर पधारे। रेल - उपमंत्री स्व. रोहनलाल जी चतुर्वेदी के निकट सम्पर्क में रहकर टूंडला-जलेसर- एटा रेलवे लाइन निकलवाने में आपने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। आप वर्षों मण्डल कांग्रेस कमेटी जलेसर के अध्यक्ष रहे और कितनी ही शासकीय समितियों के सदस्य रहे । आपके जीवनकाल में ही एक अभिनन्दन ग्रन्थ आपको भेंट किया गया । पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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