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महामन्त्र णमोकार बौर ध्वनि विज्ञान / 65 करने में इस यन्त्र से सहायता मिलती है। किसी नवीन भाषा के 'ध्वनिग्रामों को समझने में इस यन्त्र से सहायता होती है।
10 पिच मोटर - ध्वनियों का सुर (Pitch) नापने के लिए इस यन्त्र का उपयोग होता है ।
11. इंटन्सिटी मीटर - इससे ध्वनि की तीव्रता एवं गम्भीरता नापी जाती है ।
12 आटोफोनोस्कोप -- यह यन्त्र स्वर-यन्त्र के अध्ययन के लिए बनाया गया है ।
13 ब्रीदिंग पलास्क - श्वास प्रक्रिया के अध्ययन के लिए इसकी रचना हुई है ।
14 स्ट्रोबोरिंगोस्को - इस यन्त्र के द्वारा स्वर-तन्त्री की गतिविधि का अध्ययन किया जाता है ।
इलेक्ट्रीकल, बोकल ट्रेक, फारमेट, ग्राफ्डि मशीन, ओवे, आसिलेटर आदि मशीनो द्वारा और भी सूक्ष्मता से ध्वनि के विविध रूपो का अध्ययन हो सकता है ।
श्रावणिक ध्वनि-विज्ञान (Auditory Phonetics)
ध्वनि विज्ञान की यह शाखा उच्चरित ध्वनियों की श्रव्यता का बहुमुखी अध्ययन करती है । जव उच्चरित ध्वनियों की तरगे मानव के कर्ण-छिद्रो मे प्रवेश करती है तब श्रवण-तन्त्रियों मे एक कम्पन होता है । इसके बाद ही मानव मस्तिष्क सवाद ( Message) या ध्वनि ग्रहण करता है। सवाद ग्रहण की यह प्रक्रिया बहुत जटिल है । हमारा कान तीन भागो में विभाजित है - 'बाह्य कर्ण' के भीतरी सिरे की झिल्ली से श्रावणी शिर के तन्तु आरम्भ होते है, ये मस्तिष्क से सम्बद्ध रहते है । ध्वनि की लहरे कान मे पहुचकर कम्पन्न उत्पन्न करती हैं फिर मस्तिष्क से जुड़ती हैं। इस शाखा का अध्ययन बहुत व्यय-साध्य एव कठोर श्रम तथा योग्यता की अपेक्षा रखता है। विश्व के अति विकसित देश अमेरिका, फ्रास, रूस और इंग्लैण्ड इस क्षेत्र में उल्लेखनीय है ।
स्फोटवाद या शब्द ब्रह्मवाद
स्फोट का अर्थ है खुलना और विस्तृत होना । स्फोट को ब्रह्मवादियों नाद का शाश्वत, सर्जक एव अविभाज्य रूप माना है। किसी शब्द के