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158 / महामन्त्र णमोकार : एक वैज्ञानिक अन्वेषण
एकान्त मे, रात्रि के समय भय की परीक्षा हेतु मैंने इस मन्त्र का ध्यानमनन-चिन्तन किया। परिणामस्वरूप मैंने अपार निर्भयता और शान्ति का अनुभव किया।
एक बार मेरे कमरे के पास एक कुत्ता मरणासन्न था, छटपटा रहा था, एक श्रावक ने मुझे बुलाया। मैंने उस कुत्ते के कान में 10 मिनट तक मन्त्रोच्चार किया, उस मरणासन्न कुत्ते की आखे खल गयी। कुत्ता स्वस्थ होकर भाग गया।
इसी प्रकार 10-11 वर्षीय बालक को 105-106 डिग्री बुखार था। डाक्टर यह कहकर चले गए कि अब यह कुछ घण्टो का ही मेहमान है। मुझे मालूम हुआ। मैने उस बच्चे के सिर पर हाथ फेरा, साथ ही बीस मिनट तक णमोकार मन्त्र का उच्चारण उसके कान मे धीरे-धीरे करता रहा। वालक सहसा हसने लगा। बच्चे का बुखार सहसा उतर गया। डाक्टर आश्चर्य मे पड गये।
6 एकाग्रता और शान्ति की प्राप्ति-णमोकार मन्त्र के जाप से मुझे प्राय एकाग्रता प्राप्त होती है। शान्ति भी, लेकिन वह कभी-कभी यन्त्रवत् होती है। मैने इस मन्त्र का जाप रोग में, विपत्ति के समय, कभी-कभी गलत काम करने से उत्पन्न भय, बदनामी को टालने के लिए भी सकट के समय किया है जिसका फल निकला है-अब भविष्य मे ऐसा काम नही कर। दो विचित्र एवं विपरीत अनुभव
7. विघ्न निवारण इसका उद्देश्य नही-मन्त्रोच्चार के क्षणों में मै एकाग्रता चाहता हू, पर मन अपना काम करता है और जीभ अपना काम करती है। दोनो में ताल-मेल नही रहता। विघ्न-बाधा, अस्वास्थ्य आदि के निवारण के उद्देश्य से मैने कभी इसका जाप नही किया। इस मन्त्र का यह उदृश्य है।।
-डॉ देवेन्द्र कुमार जैन (55 वर्ष) इन्दौर 8. दिशा-दर्शन--इस मन्त्र के जाप से एकाग्रता और शान्ति का अनुभव होता है। हर कठिन परिस्थिति मे यही सहारा रहा है। इससे मनोबल बढा है। परिणाम की मन्त्र जाप से अपेक्षा नही की, क्योकि यह दृढ़ विश्वास है कि सुख-दुख पूर्व जनित कर्मों का फल है और वह भोगना ही है। इसके स्मरण से शान्ति के परिणामस्वरूप कार्य करने