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"नाभि राजा से महदेवी माता के ऋषभ का जन्म हुआ। ऋषभ से भरत की उत्पत्ति हुई और भरत से इस देश का नाम भारतवर्ष हुआ।"
-(अग्नि पुराण, १०/१०-११) "पुरातन समय मे ऋषभ का पुत्र मुनि श्रेष्ठ भरत नाम का राजा था। उसके नाम से इस देश का नाम भारत कहा जाता है।"
--(नारद पुराण, पूर्व खण्ड, अ० ४५-५) "सौ पुत्रो मे सबसे बडा पुत्र भरत ऋषभदेव जी से उत्पन्न हुआ। उस भरत से इस देश का नाम भारतवर्ष कहा जाता है।"-(विष्णु पुराण, अश २-०१-३२)
"केवल ज्ञान द्वारा सर्वव्यापी, कल्याणस्वरूप,सर्वज्ञाता, यह वृषभनाथ जिनेश्वर मनोहर कैलाश पर्वत पर उतरते हुए ॥५६॥"
-(शिव पुराण) "नाभिराजा ने मरुदेवी महारानी से मनोहर, क्षत्रियो में प्रधान और समस्त क्षत्रिय वश का पूर्वज ऐसा ऋषभ नामक पुत्र उत्पन्न किया। ऋषभनाथ से शूरवीर सौ भाइयो में सबसे बडा ऐसा भरत नामक पुत्र उत्पन्न हुआ। ऋषभनाथ उस भरत का राज्याभिषेक करके स्वय दिगम्बर दीक्षा लेकर मुनि हो गये। इसी आर्य भूमि में इक्ष्वाकु वश मे उत्पन्न नाभिराजा तथा मरुदेवी के पुत्र ऋषभनाथ ने क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, शौच, संयम, तप, त्याग, आकिञ्चन्य और ब्रह्मचर्य यह दस प्रकार का धर्म स्वय धारण किया और केवल ज्ञान पाकर उन धर्मों का प्रचार किया।"-(ब्रह्माण्ड पुराण, अ०१४,५६, ६०) ___ "प्रत्येक युग मे द्वारकापुरी बहुत पुण्यवती दृष्टिगोचर होती है, जहाँ पर चन्द्र के समान मनोहर नारायण जन्म