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आत्म निवेदन
आपने इस पुस्तक का अवलोकन किया। यदि आपको यह पुस्तक उपयोगी लगी हो, तो कृपा करके आप अपने मित्रो व सम्बन्धियो से इसे पढने का अनुरोध अवश्य करे। इस पुस्तक को अलमारी मे बन्द करके न रखें, अपितु अन्य सज्जनो को पढ़ने के लिये दे तथा अपने नगर के मन्दिरजी व वाचनालय मे रख दे जिससे इस पुस्तक का अधिक से अधिक उपयोग हो सके। यदि और पुस्तको की आवश्यकता हो तो हमे पत्र लिख दे, हम आपको और पुस्तकें नि शुल्क भेज देंगे।
यदि आप इस पुस्तक को और भी अधिक उपयोगी तथा रोचक बनाने के लिये कोई सुझाव दे सकें तो आपके सुझावो का सहर्ष स्वागत है। अगले सस्करण में उन सुझावो का समुचित उपयोग करने का प्रयत्न करेंगे।
यदि किन्ही महानुभाव को पुस्तक के किसी भी विषय के सम्बन्ध में कोई शका हो, तो हमे अपनी शंका अवश्य लिखे, हम उनकी शकाओ का लेखक द्वारा समाधान कराने का पूर्ण प्रयत्न करेंगे।
सन १९७३ मे हमने 'सच्चे सुख का मार्ग' नामक एक पुस्तक प्रकाशित की थी। इस पुस्तक मे आत्मा के अस्तित्व, पुनर्जन्म, कर्म-सिद्धान्त, सच्चा सुख तथा उसके प्राप्त करने के मार्ग पर तर्क सम्मत एव वैज्ञानिक आधार पर विवेचन
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