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________________ प्रकार मल विसर्जन के लिये आज कल लैट्रिन (Latrin) शब्द का प्रयोग बढता जा रहा है, उसी प्रकार मास के बजाय मीट कहने का रिवाज बढ़ता जा रहा है क्योंकि मल विसर्जन के समान मास भी घृणा सूचक शब्द है। स्वास्थ्य की दृष्टि से मांसाहार मनुष्यों के अनुकूल नहीं है। मास व अण्डो का मनुष्य के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है और वह मनुष्य के लिये कितने हानिकारक हैं, इस सम्बन्ध मे डाक्टरो की राय जान लेना विशेष रुचिकर और ज्ञानवर्द्धक होगा। ___ मासाहार का मनुष्य के शरीर पर अनुकूल प्रभाव नहीं पडता। इसलिए जब भी कोई व्यक्ति बीमार पडता है तो डाक्टर उसको मास व अण्डो का सेवन करना बन्द करा देते हैं और जब तक वह पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं हो जाता तब तक उसको शाकाहार पर ही रखते हैं। डाक्टर रोबर्ट ग्रोस और प्रोफेसर इरविन डेविडसन ने लिखा है, "प्रत्येक मनुष्य के शरीर के खून मे लगभग २० ग्रेन कोलेस्ट्रोल नामक अल्कोहल पाया जाता है, जो कि दिल की बीमारी पैदा करता है। अगर किसी कारण से शरीर मे कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ जाये तो हाई ब्लड प्रेशर आदि कई भयकर रोग उत्पन्न हो जाते हैं। एक अण्डे को जरदी मे चार ग्रेन कोलेस्ट्रोल पाया जाता है। इसलिए अण्डे की जरदी मनुष्य के लिये हानिकारक होती है । अण्डे खाने से खून मे कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ जाती है। इस कोलेस्ट्रोल की काफी मात्रा हमारे जिगर मे जमा हो जाती है, फिर यह पित्त की थैली में पथरी को पैदा १३४
SR No.010132
Book TitleMahavir aur Unki Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Radio and Electric Mart
PublisherPrem Radio and Electric Mart
Publication Year1974
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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