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करती है। यह कोलेस्ट्रोल रक्त मे मिलकर हृदय मे रक्त ले जाने वाली नाडियो मे जमा हो जाता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारिया, दिमाग की बीमारिया, जिगर की बीमारी, गुरदे की सूजन, जोडो का दर्द आदि भयकर बीमारिया पैदा हो जाती है। इसके विपरीत फल व सब्जियो मे कोलेस्ट्रोल बिलकुल नही पाया जाता, अत शाकाहार ही सर्वश्रेष्ठ है।"
इन डाक्टरो ने आगे लिखा है कि "अण्डे मे नाइट्रोजन जैसी विषैली गैस तथा फास्फोरस एसिड की पर्याप्त मात्रा और चरबी होती है। इस कारण अण्डे शरीर मे तेजाबी मादा पैदा करते है, जिससे शरीर मे गैस की कई बीमारिया फूट पडती है।" - फ्लोरिडा विश्वविद्यालय (अमेरिका) के कृषि विभाग ने १९६७ मे एक स्वास्थ्य बुलेटिन मे बताया था "अण्डे मे हानिप्रद विषाणु (वाइरस) होते हैं।"
केलीफोनिया के दो वैज्ञानिकोडा० कैथरीन निम्मो तथा डा० जे० अमेन ने सिद्ध किया है--"अण्डे मे कोलेस्ट्रोल नामक विष पाया जाता है, जो हृदय रोग का एक प्रमुख कारण है। अण्डे खाने से उच्च रक्त चाप पैदा होता है और पाचन गडबड हो जाता है। यही नही, इससे गुर्दे मे पथरी बन जाती है, तथा आमाशय, आत और रक्त-नलिकाओ मे घाव हो जाते हैं। आमाशय और आतो के घाव तमाम रोगो के जीवाणुओ को रोग फैलाने का अवसर प्रदान करते है। घायल आतो मे पेचिश के कीटाणु पनपते हैं, अत पेचिश के लिए भी अण्डो का सेवन उत्तरदायी है। अण्डो का सेवन करने वालो की रोगो से बचने की शक्ति क्षीण हो जाती है।"