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फलो के छिलको को चर्म कहते थे ।
(बोधायन गृह्य सूत्र) फलो से जो रस निकलता था वह रुधिर कहलाता था।
(बृहदारण्यकोपनिषद्) फलो के गूदे को मास कहते थे। (चरक सहिता) फलो की गुठली को अस्थि कहते थे। (कौटिल्य अर्थशास्त्र) · (सुश्रुत सहिता,
शा० आ० ३, श्लोक ३२) फलो के भीतरी भाग को मज्जा कहते थे।।
(चरक सहिता) मास-The fleshy part of a fruit
(आप्टेकृत सस्कृत अग्रेजी डिक्शनरी) Flesh--Soft pulpy substance of fruit
That part of root, fruit, etc which 18 fit to be eaten
(English Dictionary by J. Ogilvie) यहा पर हम कुछ और द्वयर्थक शब्द दे रहे हैं - अनिमिष-देव, मछली, चाडाल, शिष्य व अन्तेवासी।
(वैजयन्ती) कपि-बन्दर, शिलारस। आम-मास, आम्रफल । शश-खरगोश, लोध्र। कलभ-हाथी का बच्चा, धतूरे का वृक्ष । गो-जिह्वा-गाय की जीभ, गोभी। तुरग-घोड़ा, सेंधा नमक ।