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मदरास व मैसूर प्रान्त । [१९७ दान जारी कराया। इसके उद्यमसे गंगवाड़ी ९६००० कोपणके समान शोभने लगी। इसका पुत्र बोवदेव था। इसके साले मरियने दंडनायक ( छोटे ) और भरतेश्वर दंडनायक थे । मरियनेको विष्णु महारानने सेनाका अधिपति नियत किया । इस मरियनेका पिता एचिराना था, माता नागलदेवी थी। भार्या नकलदेवी थी। नकलदेवीके गुरु मुनि माघनंदि थे। उसके पिता मरइया व माता हरियले थे। इसकी छोटी बहन भरतराजाकी स्त्री थी।
कौंडिल्य गोत्रधारी दाकरस दंडनायक और उनकी भार्या एचबी दंडनायकितिके पुत्र नाकुन दंडनायक और मरियने दंडनायक थे। तथा पोता माचन दंडनायक था जिसकी भार्या हन्नवे दंडनायककिति थी । दाकरस दंडनायककी दूसरी स्त्री दग्गवे थी उसके पुत्र मरियने दंडनायक और मरतिम्मगे दंडनायक थे । उनकी छोटी बहन चीकले थी जो काव राजाकी स्त्री थी।
जब मरियने दंडनायक और भरतेश्वर दंडनायक भंडार व जवाहरातके सर्वाधिकारी थे तब विष्णु महारानसे इन्होंने अमंदी नादमें बगायलीके साथ सिंदगिरी ग्राम प्राप्त किया।
___ महाराज विष्णुकी स्त्री लक्ष्मीदेवी थी। उससे नरसिंहराजा उत्पन्न हुए । उसकी स्त्री एचलादेवी थी जिसके पुत्र वीर वल्लालदेव हुए इसके बड़े मंत्री भरतिमय्य दंडनायक व बाहुबलि दंडनायक थे।
__भरत चामूपति और देवी हरिपलेसे विहिदेव उत्पन्न हुए। मरियने सेनापतिसे बोधदेव हुए । मरियने दंडनायकसे हेग्गड़देव उत्पन्न हुए तथा भरतचाभूपके पुत्र मरियने देव हुए।
शांतलादेवीने जो भरत दंडनायककी पुत्री थी, एची रानाकी