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मदरास व मैसूर प्रान्त ।
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(८) पलयकायल या पुरानी कायल । तिरुचेन्दूरसे टूटीकोरिन जानेवाली पुरानी सड़कपर । प्राचीन नगर सूरनकादूका स्थान है । नहरके सरोवर के पास दो जैन मूर्तियां हैं । एकको धोबी लोग कपडा धोनेके काम में लेते हैं ।
(९) पुदुक्कोट्टाई - ( कुमारगिरि ) - ट्यूटीकोरिन से ८ मील । निकटके कुत्तुदंकाडु ग्राममें एक जैन मूर्ति भूमिपर रक्खी है ।
(१०) शिवलप्पेरी - ता० तिन्नवेली । मरुगलतलाई ग्राममें बौद्ध चिह्न हैं । इस ग्रामसे २ मील पदिनलम् पेरीमें एक चट्टान है जिसको अंदिचिपारइ कहते हैं । यहां एक गुफा ५ फुट वर्ग व ६ फुट ऊँची है। द्वारकी बाई ओर २ खुदी हुई मूर्तियें हैं ।
(११) मुरम्बा - ओइ पिदरन से पश्चिम दक्षिण ९ मील । सड़कके दाहने बाजू जो सड़क काफ्तूरको जाती है एक जैन मूर्ति है । (१२) नागलापुरम् - ओहपिदरनसे उत्तरपूर्व २२ मील खेतमें एक प्राचीन जैन मूर्ति है ।
(१३) कायल - श्री वैकुंठम्से पूर्व १२ मील । समुद्रसे २२ मील। ताम्रपर्णीनदीसे दक्षिण- कई जैन मूर्तियां हैं। दो प्राचीन मंदिर हैं व लेख हैं । मदरास एपिग्राफी दफ्तर में यहांके चित्रादि(१) नं० मी २६ - कुलुग्रमलईकी पहाडीपर जैन मूर्ति
(२) नं० सी २७ -
जैन मूर्तिका समूह
(३) नं० सी २८(४) नं० सी २९
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