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प्राचीन जैन स्मारक |
उत्तर एक बड़ी चट्टान पर एक लेटे आसन मूर्ति फण सहित १० फुट लम्बी खुदी हुई है | वास्तव में यह स्थान जैन साधुओंके
ध्यानका आश्रम था ।
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(८) तिरुनिरन कोनरई - तिरुक्कोयिल्लूर तालुकासे पूर्व दक्षिण १२ मील | ग्रामके उत्तर एक पहाड़ी ८० फुट ऊँची है जिसके ऊपर दो चट्टाने हैं वहांतक सीढ़ियां गई हैं । इनमें से एक पर एक जैन तीर्थङ्कर श्री पार्श्वनाथजी की मूर्ति ४ फुट ऊँची खड़े आसन फण सहित है । इस चट्टानके ऊपर शिखर के समान दूसरी चट्टान है जिसपर लेख है। पहाड़के ऊपर जहांतक सीढ़ियां गईं हैं पहुंचकर एक वृषभनाथ तीर्थंकरकी जैन मूर्ति बिराजित है जो पनरुती सड़क के पास तिरुक्कोयिल्लूर से दक्षिण पूर्व ९ मील पवुन्दर ग्रामसे लाई गई है ।
(९) कोलियन्द्र - ता० विल्लुपुरम् | यहांसे पूर्व ४ मील । एक जैन मंदिर के स्मारक हैं ।
(१०) विल्लपुरम - कुड्डुलोरसे उत्तर पश्चिम २४ मील | यहां पहले जैन मंदिर था । अब तातेपार्क नाम बागमें कुछ खंडित जैन मूर्तियां खड़ी हुई हैं ।
(११) पेरुमंदूर - टिंडीवनम् से दक्षिण पश्चिम ४ मील । यहां दो जैन मंदिर हैं । शिलालेख सहित हैं ।
(१२) एल्लानासूर - तिरूकोइलर से दक्षिण १६ ॥ मील । यहां प्राचीन जैन मंदिर हैं ।
(१३) अरियन कुप्पन - ( पांडिचेरी में ) यहां एक जैनमूर्ति बैठे आसन ४ फुट ऊँची है । मदरास एपिग्राफी दफ्तर में यहांके