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उत्तर- जैसे शरीर का उठना उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से हुआ है, उसी प्रकार विश्व मे जितने कार्य है, वे सब उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से हो चुके है, हो रहे है और भविष्य में होते रहेगे ऐसा जानते मानते ही दृष्टि अपने स्वभाव पर आ जाती है ।
प्र० १७ - मैने रथ बनाया इस वाक्य पर चारो प्रकार के छह कारक लगाकर समझाइये ?
उ०- प्रश्नोत्तर १ से १६ तक के अनुसार उत्तर दो।
प्र० १८ - दर्शन मोहनीय का उपशम होने से ओपशमिक सभ्यक्त्व हुआ - इस वाक्य पर चारो प्रकार के छह कारक लगाकर समझाइये ?
उ०- प्रश्नोत्तर १ से १६ तक के अनुसार उत्तर दो ।
प्र० १६ - केवल ज्ञानावरणी के अभाव से केवल ज्ञान हुआ इस वाक्य पर चारो प्रकार के छह कारक लागाकर समझाइये ?
उ०- प्रश्नोत्तर १ से १६ तक के अनुसार उत्तर दो ।
प्र० २० - मैने पलंग पर हाथ से कपड़े बिछाये इस वाक्य पर चारो प्रकार के छह कारक लगाकर समझाइये ?
उ०- प्रश्नोत्तर १ से १६ तक के अनुसार उत्तर दो ।
प्र० २१ - मैने कपड़ा बेचकर रुपया कमाया इस वाक्य पर चारो प्रकार के छह कारक लगाकर समझाइये ?
उ०- प्रश्नोत्तर १ से १६ तक के अनुसार उत्तर दो ।
प्र० २२- मैने हाथ और कलम से पुस्तक बनाई - इस वाक्य पर चारो प्रकार के छह कारक लगाकर समझाइये ?