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प्र० ६२-मुझ निज आत्मा के अलावा अनन्त प्रदेशी एक आकाश द्रव्य है-इस पर 'ताको न जान विपरीत मानकरि' को समझाइये ?
प्र० ६३–मुझ निज आत्मा के अलावा एक प्रदेशी लोकप्रमाण असंख्यात काल द्रव्य है-इस पर 'ताको न जान विपरीत मानकरि'को समझाइये?
तीसरी ढाल को प्रश्नावली
प्र० १-आत्मा का हित किसमे है ? प्र० २-सुख किसे कहते है ? प्र० ३-दुःख किसे कहते है ?
प्र० ४-दुख का दूर करने का उपाय मोक्षमार्ग प्रकाशक के नौवें अध्याय मे क्या बताया है ?
प्र०५-दुख दूर करने का उपाय मोक्षमार्ग प्रकाशक पृष्ठ ५२ मे क्या बताया है ?
प्र० ६-दुख दूर करने का उपाय इण्टोपदेश गाथा ५० मे क्या बताया है ?
प्र० ७-योगसार दोहा ३८ और ५५ मे दुख दूर करने का क्या उपाय बताया है ?
प्र०८-दुख दूर करने का उपाय सामायिक पाठ २८वें दोहे मे क्या बताया है ?
प्र० ६-दुख दूर करने का उपाय प्रवचनसार गावा १४ मे क्या बताया है ?