________________
(६२) प्र० ४५-मोक्षतत्व किसे कहते है और मोक्षतत्त्व प्रयोजनभूत किस अपेक्षा से है?
प्र० ४६-चेतन को उपयोग रुप-इसके दो अर्थ क्या है? प्र०५०-बिनमूरत का क्या अर्थ है ? प्र० ५१-चिन्मूरत का क्या अर्थ है ? प्र० ५२-अनूप का क्या अर्थ है ?
प्र० ५३-'ताको न जान-विपरीत मात्र करि'-इस पर कितने बोल निकलते है ?
प्र० ५४-चेतन को उपयोग रुप-इस पर 'ताको न जान-विपरीत मानकरि' किस प्रकार है ?
प्र०५५-बिनमूरत पर 'ताको न जान-विपरीत मानकरि' किस प्रकार है ?
प्र० ५६-चिन्मूरत पर-ताकों न जान-विपरीत मानकरि' किस प्रकार है ?
प्र. ५७-अनूप-पर 'ताकों न जान-विपरीत मानकरि' किस प्रकार है ?
प्र० ५८-मुझ निज आत्मा के अलावा अनन्त जीव है-इस पर 'ताको न जान-विपरीत मानकरि' किस प्रकार है ?
प्र०५९-मुझ निज आत्मा के अलावा अनन्तानन्त पुद्गल द्रव्य है इस पर 'ताको न जान विपरीत मानकरि' किस प्रकार है ? ।
प्र० ६०-मुझ निज आत्मा के अलावा असख्यात प्रदेशी एक धर्मद्रव्य है-इस पर 'ताको न जान विपरीत मानकरि' किस प्रकार है ?
प्र०६१-मुझ निज आत्मा के अलावा असंख्यात प्रदेशी एक अधर्म द्रव्य है-इस पर 'ताको न जान विपरीत मानकरि' किस प्रकार