SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 6
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ४ ) विषय २१ वस्तु का परिणमन वाह्य कारणो से निरपेक्ष है २२ वासना का प्रकार २३ अन्तरग श्रद्धा और उसका फल केवलज्ञान ww प्रकरण दूसरा १ जीव ज्ञान स्वभावी है, २ ज्ञान दर्शन जीव का लक्षण है ३ क्या सयम और कपाय जीव का लक्षण नहीं कहा उसका क्या कारण है ४ ज्ञानी यथार्थ वस्तु का प्रकाशक है ५ जीव दुख स्वभावी नहीं है ६ सुख जीव का स्वभाव है ७ द्रव्य कर्म जीव का कुछ करता है ८ वस्तु का परिणमन जीव की इच्छानुमार नहीं होता ६ सुख क्या है ? १० केवल ज्ञान को अक्षर क्यो कहा है ११ वस्तु का स्वरूप १२ मनुष्य सव' गुणो को उत्पन्न करता हे १३ ज्ञानी को कर्म बँधता नही है १४ निश्चय चारित्र का अश ५ ६-७ गुणस्थान में है १०१ १५ सम्यक्त्व क्या है ? १०१ १६ आध्यात्मिक भाव क्या है ? १७ सम्यग्दर्शन सबका समान है १८ सम्यग्दष्टि का ज्ञान स्व पर विवेक वाला है १६. ज्ञान का कार्य क्या है ? १०१ २० अज्ञानी की दया क्या है ? १०१ २१ सम्यक्त्व होने पर सन्मार्ग प्राप्त होता है १०० 5. Usu adudu ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० x wara १०१ १०१ १०१
SR No.010121
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages317
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy