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________________ ( 316 ) प्रश्न १३-द्रव्यो की प्रदेश संख्या कितनी-कितनी है ? उत्तर-(१)जीव, धर्म, अधर्म के असख्यात प्रदेश हैं / (२)आकाश के अनन्त प्रदेश हैं। (3) पुद्गल के व्यवहारनय से सख्यात, असख्यात और अनन्त प्रदेश हैं और परमाणु एक प्रदेशी है। (4) प्रत्येक काल द्रव्य एक प्रदेशी ही है। काल द्रव्य मे शक्ति या व्यक्ति की अपेक्षा से बहुप्रदेशीपना नही है // 13 // प्रश्न १४-प्रदेश किसे कहते हैं ? उत्तर-अविभागी पुद्गल परमाणु द्वारा जितना आकाश रोका जाये उसे प्रदेश कहते है। वह प्रदेश सर्व परमाणुओ को स्थान देने मे समर्थ है // 14 // प्रश्न १५--जीवादि के विषय में जिनेन्द्र भगवान ने क्या बताया उत्तर-(१) जीव ज्ञान युक्त है। (2) पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश और काल अजीव हैं। इस प्रकार जिनेन्द्र देव ने कहा है। ऐसा जो नही मानता है वह मिथ्यादृष्टि है / / 15 / / प्रश्न १६-आस्रव किससे होता है और बंध क्या है ? उत्तर-(१) मिथ्यात्व, हिंसादि अवत, कषाय और योगो से आस्रव होता है। (2) कषाय सहित जीव अनेक प्रकार के पुद्गलों का जो ग्रहण करता है वह बन्ध है / / 16 / / प्रश्न १७-जिनेन्द्र देव ने संवर-निर्जरा किसे कहा है ? उत्तर-(१)जिनेन्द्र देव ने मिथ्यात्वादि के त्याग को सवर कहा है। (2) कर्मों के एकदेश क्षय को निर्जरा कहा है और निर्जरा के दो भेद' कहे हैं-अभिलाषा रहित सकाम-अविपाक निर्जरा तथा अभिलाषा सहित अकाम-सविपाक निर्जरा कही है // 17 // प्रश्न १८-मोक्ष किसे कहा है ? उत्तर-कर्मों के बन्धन से बन्धे हुये प्रशस्त अन्तरात्मा का सर्व
SR No.010121
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages317
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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