________________
क्या ऐसा होता है ? आप कहेगे नही, क्योकि पाँच मिनट पहले और पाँच वर्ष पहले के समय का ज्ञान करने मे समान समय ही लगता है । इससे निर्णय हुआ "ज्ञान को कोई काल विघ्न नही कर सकता है ।" [आ] ज्ञान को कोई क्षेत्र भी विघ्न नही कर सकता है। विचारो । जैसे- हम दिल्ली मे बैठे हैं तो दिल्ली का ज्ञान करने मे थोडा समय लगे और दूर क्षेत्र वम्बई का ज्ञान करने मे ज्यादा समय लगे, क्या ऐसा होता है ? आप कहेंगे नही, क्योकि क्षेत्र नजदीक का हो या दूर का हो दोनो के ज्ञान करने मे बराबर ही समय लगता है । इससे यह निर्णय हुआ ज्ञान को कोई क्षेत्र भी विघ्न नही कर सकता है। इसलिये ज्ञान को कोई काल या क्षेत्र विघ्न नही कर सकता है, ऐसा पात्र जीव जानते है ।
प्रश्न १४ -- कोई ऐसा कहता है कि जहाँ सीमधर भगवान है वहाँ पर चौथा काल विदेह क्षेत्र है वहा से मोक्ष होता है-और जहाँ पर हम रहते हैं यहाँ पर पंचम काल है भरत क्षेत्र है यहाँ से मोक्ष नहीं होता है। देखो, मोक्ष प्राप्ति के लिए काल और क्षेत्र ने विघ्न डाला और आप कहते हो 'ज्ञान को कोई काल और क्षेत्र विधन नहीं करता' इसलिए आपकी बात झूठी साबित होती है ?
उत्तर- - (१) तुम कभी चोथे काल और विदेहक्षेत्र मे थे या नही ? तुम कहोगे कि थे । तो हम पूछते हैं तुमको मोक्ष क्यो नही हुआ ? (२) जम्बुस्वामी आदि पचम काल मे ही मोक्ष गये हैं । ( ३) पूर्व भव का कोई वैरी देव विदेहक्षेत्र के भावलिंगी मुनि को यहाँ पटक जावे तो वह मुनि उग्र पुरुषार्थ करके मोक्ष प्राप्त कर लेता है । यदि काल और क्षेत्र विघ्न करता हो तो इनका मोक्ष नही होना चाहिए था, इसलिए याद रक्खो, काल अच्छा हो या खराब हो क्षेत्र अनुकूल हो या प्रतिकूल हो, किसी भी जीव को किसी भी समय क्षेत्र या काल विघ्न नही कर सकता है ।
प्रश्न १५ - फिर शास्त्रों में क्यो लिखा है कि पचमकाल मे मोक्ष