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________________ ( १७६ ) उत्तर- मौखिक उत्तर दो । प्रश्न २४ - ज्ञानी आदि पांच बोलों पर चार काल उतार कर समझाओ ? उत्तर - मौखिक उत्तर दो । प्रश्न २५ - ज्ञानी आदि पाँच बोलो पर सुखदायक - दुःखदायक उतारकर समझाओ ? उत्तर - मौखिक उत्तर दो । प्रश्न २६ - ज्ञानी आदि पाँच बोलो पर देव गुरु धर्मं उतारकर समझाओ ? उत्तर - मौखिक उत्तर दो । प्रश्न २७ - ज्ञानी आदि पाँच बोलों पर संयोगादि पांच वोल उतारकर समझाओ ? उत्तर - मौखिक उत्तर दो । प्रश्न २८ - 'पुदगल तो अपनी ओर परको परिणति न जानता हुआ प्रवर्तता है' इस वाक्य पर से कितने बोल निकलते हैं ? उत्तर- इस पर से भी पाँच बोल निकलते हैं- (१) पुदगल, (२) अपनी परिणति, (३) पर, (४) पर परिणति एकदेश, (५) पर परिणति पूर्ण । प्रश्न २६ - पुद्गलादि पांच बोलो में सात तत्व उतारकर समझाइये ? उत्तर- (१) पुद्गल - अजीव तत्व; (२) अपनी परणति = आस्रव वक्तत्व; (३) पर - जीव तत्व, (४) पर परिणति एकदेश: सवर - निर्जरातत्व; (५) पर परिणति पूर्ण मोक्षतत्व | प्रश्न ३० - पुद्गलादि पाँच बोलो पर पाँच भाव उतारकर समझाइए ? उत्तर - मौखिक उत्तर दो । प्रश्न ३१ - पुद्गलादि पाच बोलों पर चार काल उतारकर समझाइये ?
SR No.010120
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages323
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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