SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 105
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (६५) रूपी के साथ सम्बन्ध होने का व्यवहार भी विरोध को प्राप्त नहीं होता है, इसे स्पष्ट करके समझाइए ? उत्तर-(अ) जहां यह कहा जाता है कि "आत्मा मूर्तिक पदार्थों को जानता है' वहां परमार्थत अमूर्तिक आत्मा का मूर्तिक पदार्यों के साथ कोई सम्बन्ध नही है उसका तो मात्र उसे मूर्तिक पदार्थ के आकार रूप होने वाले ज्ञान के साथ ही सम्बन्ध है और उस पदार्थ का ज्ञान के साथ के सम्बन्ध के कारण ही 'अमूर्तिक आत्मा मूर्तिक पदार्थ को जानता है' ऐसा अमूर्तिक-मूर्तिक का सम्बन्ध रूप व्यवहार सिद्ध होता है । उसी प्रकार जहाँ यह कहा जाता है कि 'अमुक आत्मा का मूर्तिक कर्म पुद्गलो के साथ बध है' वहाँ परमार्थत अमूर्तिक आत्मा का मूर्तिक कर्म-पुद्गलो के साथ कोई सम्बन्ध नहीं है । आत्मा का तो कर्म-पुदगल जिसमे निमित्त है ऐसे रागद्वषादि भावो के साथ ही सम्बन्ध (बन्ध) है और उन कर्म निमित्तक राग-द्वपादि भावो के साथ सम्बन्ध होने से ही 'इस आत्मा का मूर्तिक कर्म पुद्गलो के साथ बन्ध है' ऐसा अमूर्तिक-मूर्तिक का बन्ध रूप व्यवहार सिद्ध होता है। (आ) मनुष्य को स्त्री-पुत्र-धनादिक के साथ वास्तव मे कोई सम्बन्ध नहीं है वे उस मनुष्य से सर्वथा भिन्न हैं तथापि स्त्री-पुत्र-धनादिक के प्रति राग करने वाले मनुष्य को राग का बन्धन होने से और उस राग में स्त्री पुत्र-धनादि के निमित्त होने से व्यवहार से यह अवश्य कहा जाता है कि 'इस मनुष्य को स्त्री-पुत्र-धनादि का बन्धन है। उसी प्रकार आत्मा का कम-पुदगलो के साथ वास्तव मे कोई सम्बन्ध नही है वे आत्मा से सर्वथा भिन्न है तथापि राग-द्वे पादि भाव करने वाले आत्मा को राग-द्वेषादि भावो का बन्धन होने से और उन भावो मे कर्म पुदगल निमित्त होने से व्यवहार से यह अवश्य कहा जा सकता है कि 'इस आत्मा को कर्म पुदगलो का बन्धन है।' [प्रवचनसार १७४ के भावार्थ से] प्रश्न :-इस निश्चय-व्यवहार के बताने से क्या लाभ रहा ?
SR No.010120
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages323
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy