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वे स्कंध, सूक्ष्मस्थूल है ।
प्रदन (१७९ ) --सूक्ष्म स्कंध किसे कहते हैं ?
उत्तर- इन्द्रिय ज्ञान को अगोचर ऐसे जो कर्मवगणारूप स्कंध वे है वह स्कंध सूक्ष्म है ।
प्रश्न (१८० ) -- प्रतिसूक्ष्म स्कध किसे कहते हैं ?
उत्तर - कर्मवर्गणा से प्रतीत जो प्रत्यन्त सूक्ष्म द्वि-प्रणुकपर्यन्त स्कंध वे स्कध प्रति सूक्ष्म है ।
प्रश्न (१८१) - पुदगल परमाणु और स्कंधों के यह भेद जानने से क्या लाभ है ?
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उत्तर - अनादि से अज्ञानी है उसे कहते हैं कि भाई आत्मा चैतन्य मूर्ति है उसका पुद्गल परमाणु श्रौर स्कधों के भेदों से तो किसी भी प्रकार का ( निश्चय व्यवहार से सम्बंध नही है परन्तु स्कध के निमित्त से जो भाव होते है वह भी पुद्गल है ऐसा जानकर अपने अनन्त गुणों के प्रभेद पिण्ड ज्ञायक भगवान का आश्रय ले तो धर्म की शुरुआत होकर, वृद्धि होकर, पूर्ण शान्ति का पथिक बनना यह पुद्गलो को जानने का लाभ है ।
प्रश्न (१८२) - आकाश के कितने भेद हैं ? उत्तर - लोकाकाश और अलोकाकाश
प्रश्न (१९८३) - काल द्रव्य को दो भेद में बाटों । उत्तर - निश्चयकाल - व्यवहारकाल ।
प्रश्न ( १८४ ) - संख्या की अपेक्षा सबसे ज्यादा कौन द्रव्य है ?