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अशुद्ध दशा म स्वयं छहों कारक रुप परिणमन करते हैं
दूसरे निमित्त कारणों की अपेक्षा नहीं रखते है। प्रश्न (४०३)-यह छटा विभाग क्यों किया ? उत्तर--अज्ञानी अनादि से एक एक समय करके पर के साथ
का सच्चा सम्बध मानता है। उस झूठी मान्यता को तुड़ाने के लिए और रागका भी आश्रय छोडकर अपने त्रिकाली आत्मा का प्राश्रय लेकर धर्म की प्राप्ति करे
इसलिए छटा विभाग क्रिया है। प्रश्न (४०४}-जिससे सम्यग्दर्शन हो और फिर क्रम से निर्वाण
हो ऐसे आठ बोलों में से-सातवें बोल का क्या नाम है ? उत्तर-'प्रत्येक स्कंध में हर एक परमाणु अपना अपना स्वतत्र
कार्य करता है। उसका ज्ञान कराने के लिए सातवाँ
वोल है। प्रश्न :०५)-पुद्गल के कितने भेद हैं ? उत्तर-परमाणु और स्कंध यह दो भद हैं। प्रश्न (४०६) स्कंध, कितने परमाणु को कहते ह ? उत्तर-दो से लेकर अनन्तानन्त परमाणु तक, सब स्कंध
कहलाते है। प्रश्न (४०७)-क्या स्कंध स्वतंत्र द्रव्य नहीं है ? उत्तर-नहीं हैं । परमाणु ही स्वतंत्र द्रव्य है। प्रश्न (४.८ -स्कंध स्वतंत्र द्रव्य नहीं है परमाणु ही स्वतंत्र
द्रव्या है इसके लिए कोई शास्त्राधार है ? । उत्तर --(१) नियमसार गाथा २० में लिखा है कि "परमाणु
वह पुद्गल स्वभाव है और स्कंध वह विभाव पुद्गल है (२) यह नियमसार गा० २१ से २४ तक में लिखा है कि यह विभाव' पुद्गल के स्वरुप का कथन है ।