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उत्तर-दो भेद हैं-(१) समानजातीय द्रव्य पर्याय (२) अस
मानजातीय द्रव्य पर्याय । प्रश्न (१३४)-गुण पर्याय के कितने भेद हैं ? उत्तर-(१) स्वभावपर्याय (२) विभावपर्याय यह दो भेद हैं प्रश्न (१३५)--समानजातीम द्रव्य पर्याय किसे कहते हैं ? उत्तर-एक जाति के अनेक द्रव्यों में एकपने का ज्ञान वह समान
जातीय द्रव्य पर्याय है, जैसे द्विअणुक, त्रिअणुक प्रादि स्कंध । प्रश्न (१३६)--असमानजातीय द्रव्य पर्याय किसे कहते हैं ? उत्तर-अनेक जाति के द्रव्यों में एकपने का ज्ञान वह
असमान जातीय द्रव्य पर्याय है जैसे मनुष्य, देव आदि । प्रश्न (१३७)--स्वभावपर्याय किसे कहते है ? उत्तर-गुण की जो शुद्ध पर्याय होती है उसे स्वभावपर्याय
कहते हैं जैसे केवलज्ञान, केवलदर्शन, क्षायिक सम्यक्त्व
आदि। प्रश्न (१३८)-विभावपर्याय किसे कहते हैं ? उत्तर-गुण द्वारा जिस पर्याय में स्वपर हेतु हो वह विभाव
पर्याय है जैसे मतिज्ञान प्रादि पर्याय । प्रश्न (१३६)-समान जातीय द्रव्य पर्याय के कुछ नाम बतायो ? उत्तर-(१) बिस्तरा (२) कम्बल (३) रोटी (४) हलवा
(५) मेज, (६) किताब (७) कुसी (८) कमीज (६) टोपी (१०) तसवीर (११) थाली (१२) लोटा प्रादि समानजातीय द्रव्य पर्यायें कही जाती हैं, क्योंकि पुद्गल