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( ८६ ) आदि कार्य। कारणानुविधायीनि कार्याणि को कब माना और कब नहीं माना।
उत्तर-चाक, कीली, डडा, हाथ आदि आहारवर्गणा के स्कघ मे से अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण का अभाव करके उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादानकारण से चाक, कीली, डडा, हाथ आदि कार्य हुआ है कुम्हार से नहीं बना है तो कारणानुविधायोनि कार्याणि को माना। और कुम्हार से हुआ है तो कारणानुविधायीनि कार्याणि को नही माना।
प्रश्न-७८-घड़ा कारण और चाफ, कोली, डंडा, हाथ आदि कार्य। कारणानुविधायोनि कार्याणि को कब माना और कब नहीं माना? 3 उत्तर-(प्रश्न ७७ के अनुसार उत्तर दो)
प्रश्न ७६-चाक, कोली, डडा, हाथ आदि आहारवर्गणा के स्कंष कारण और चाक, कोली, डडा, हाथ आदि आर्य। कारणानुविषायोनि कार्याणि को कब माना और कब नहीं माना?
उत्तर-अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण का अभाव करके उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से चाक, कीली, डडा, हाथ आदि कार्य हुआ है चाक, कीली, डडा, हाथ आदि आहारवर्गणा के स्कयो से नही हुआ है तो कारणातुविधायीनि कार्याणि को माना । और चाक, कीली, डडा हाथ आदि आहारवर्गणा के स्कयो से हुआ है तो कारणानुविधायीनि 'कार्याणि को नहीं माना।
प्रश्न ८०-अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण और चाक, कोली, उंडा, हाथ आदि कार्य । कारणानुविधायोनि कार्याणि को कब माना और कब नहीं माना ?
उत्तर-उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से चाक, कोली, डडा हाथ आदि कार्य हुआ है अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय