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प्रश्न २१ - मिट्टी त्रिकाली उपादान कारण और घड़ा उपावेय । इसको समझने से क्या लाभ हुआ
?
उत्तर - (१) कुम्हार, चाक, कीली, डडा, हाथ आदि निमित्त कारणो से घड़ा बना - ऐसी खोटी मान्यता का अभाव हो जाता है । (२) आहारवर्गणा के स्वध मिट्टी को छोड़कर दूसरी वर्गणाओ से दृष्टि हट जाती है । ( ३ ) अब यहाँ पर घडा बनने के लिए मात्र त्रिकाली उपादानकारण मिट्टी की तरफ देखना रहा । इतना लाभ हुआ ।
प्रश्न २२ - कोई चतुर प्रश्न करता है कि यदि कुम्हार, चाक, कीली, डडा, हाथ आदि निमित्तकारण हो तो घड़ा बने । श्राप कहते हो घड़े का (कार्य का ) निमित्तकारणो से कोई सम्बन्ध नहीं है । तो मिट्टी उपादान कारण और घड़ा उपादेय । यह आपकी बात झूठी सावित होती है ?
उत्तर - अरे भाई- हमने मिट्टी को घडे का उपादानकारण कहा है । वह तो कुम्हार, चाक, कीला डडा, हाथ आदि निमित्त कारणो से पृथक् करने की अपेक्षा से कहा है । वास्तव मे मिट्टी भी घडे का सच्चा उपादान कारण नही है ।
प्रश्न २३ – मिट्टी भी घड़े का सच्चा उपादानकारण नहीं है । तो यहाँ पर घड़े का सच्चा उपादानकारण कौन है ?
उत्तर - मिट्टी मे अनादिकाल से पर्यायों का प्रवाह चला आ रहा है । मानो दस नम्बर पर घडा बना, तो उसमे अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय पिण्ड क्षणिक उपादान कारक घडे का यहाँ पर सच्चा उआदान कारण है ।
प्रश्न २४ – मिट्टी मे अनादिकाल से प्रर्यायो का प्रवाह क्यों चला आ रहा है । उत्तर - प्रत्येक द्रव्य-गुण अनादिअनन्त ध्रौव्य रहता हुआ एक पर्याय का व्यय और दूसरी पर्याय का उत्पाद एक ही समय में स्वय