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प्रश्न २६८ -- क्या ज्ञान का क्षयोपशम होने से ज्ञानावरणीय कर्म का क्षयोपशम हुआ ?
उत्तर – स्वय प्रश्न उत्तर २५४ से २६३ तक के अनुसार दो । प्रश्न २६ -- क्या मैंने कपड़े बिछाये ?
उत्तर - प्रश्न २५४ से २६३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २७० --- क्या मै जोर से बोलता हूँ ? उत्तर - प्रश्न २५४ से २६३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २७१ - क्या निमित्त से उपादान में कार्य होता है ? उत्तर - प्रश्न २५४ से २६३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २७२ ~ - क्या मैने रुपया कमाया ? उत्तर - प्रश्न २५४ से २६३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २७३ - क्या कुन्दकुन्द भगवान ने समयसार बनाया ? उत्तर - प्रश्न २५४ से २६३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २७४ - जब "कार्य उस समय पर्याय की योग्यता" से होता है तब ( १ ) निमित्त की अपेक्षा; (२) त्रिकाली उपादान की अपेक्षा; (३) अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण की अपेक्षा; क्यो कथन किया है ?
उत्तर- (१) द्रव्य उचित वहिरंग साधनो की सनिधि के सद्भाव रता है । (प्रवचनसार गा० ६५ 'व्य त्रिस्वभाव स्पर्शी ( उत्पाद1) होता है और कार्य के उत्पाद उपस्थिति होती है। (प्रवचनयह सिद्ध होता है कि उत्पाद, समय एक हो होता है, ऐसा उत्पत्ति के समय उचित निमित्त है वहाँ पूर्व पर्याय का अभाव, योग्यता से निमित्त भी स्वय कथन है ।