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( ४६ ) उत्तर-केवलज्ञान का उत्पाद उस समय पर्याय की योग्यतारूप क्षणिक उपादान कारण, भावश्रुतज्ञान का व्यय अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण, आत्मा का ज्ञान गुण त्रिकाली उपादान कारण, इस प्रकार तीनो उपादान कारण आ जाते हैं ।
प्रश्न १७८--(१) क्षायिक सम्यक्त्व, (२) क्षयोपशम सम्यक्त्व, (३) रोटी बनी (४) केवलदर्शन (५) बिस्तरा बिछा (६) अलमारी बनी, इनमे तीनो उपादान कारण किस प्रकार आते हैं ? ___उत्तर-(१) क्षायिक सम्यक्त्व का उत्पाद उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण, (२) क्षयोपशम सम्यक्त्व का व्यय अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण, (३) आत्मा का श्रद्धागुण त्रिकाली उपादान कारण, इस प्रकार तीनो उपादान कारण आ जाते हैं। इसी प्रकार बाकी के ५ वाक्यो मे लगाओ।
प्रश्न १७९-केवलज्ञानावरणीय के अभाव में से केवलज्ञान हुआ क्या अपादान कारक को माना ?
उत्तर-नही माना, क्योकि केवलज्ञान अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती - पर्याय क्षणिक उपादान कारण भाव श्रुतज्ञान का अभाव करके आत्मा
के ज्ञान गुण मे से आया, केवलज्ञानावरणीय कर्म के अभाव में से नही आया-ऐसा समझे तो अपादान कारक को माना।
प्रश्न १८०--कोई चतुर ऐसा कहे केवलज्ञानावरणीय के अभाव मे से ही केवलज्ञान आया--तो क्या दोष आवेगा?
उत्तर-अपादान कारक को उड़ा दिया। अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण श्रुतज्ञान के अभाव को और आत्मा के ज्ञान गुण को भी उडा दिया।
प्रश्न १८१-केवलज्ञान में से केवलज्ञानावरणीय कर्म का अभाव ' आया, क्या अपादान कारक को माना?
उत्तर-नही माना, क्योकि ज्ञानावरणीय का अभाव अनन्तरपूर्व