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________________ जैन सिद्धान्त प्रवेश रत्नमाला दूसरे भाग की विषय सूची पाठक्रम विषय कितने प्रश्नोत्तर है लेखक को भूमिका ४० प्रश्नोत्तर है पहला पाठ छह कारक अधिकार कारक किसे कहते है और उनके प्रकार छह कारक मे निश्चय-व्यवहार कैसे कर्ता कारक का स्पष्टीकरण २६- ३१ कर्मकारक का स्पष्टीकरण ३२-४२ करण कारक का स्पप्टीकरण ४२-४६ सम्प्रदान कारक का स्पष्टीकरण ४६-- ४८ अपादान कारक का स्पष्टीकरण ४८- ५२ अधिकरण कारक का स्पष्टीकरण ५२-- ५६ कारको के विषय मे प्रश्नोत्तर दूसरा पाठ उपादान-उपादेय अधिकार उपादान उपादेय की परिभापा ७१-६२ कुम्हार ने धडा बनाया-इस पर प्रश्नोत्तर ६३ बाकी दूसरे प्रश्नो पर उपादान उपादेय ९४-१२३ तीसरा पाठ योग्यता का स्वरूप १२४-१३० चौथा पाठ निमित्तकरण का स्पष्टीकरण । १३०-१४५ पाचवा पाठ निमित्त नैमित्तिक का स्पष्टीकरण १४५-१६१ छठवा पाठ व्याप्य-व्यापक का स्पष्टीकरण । १६१-१६६ सातवा पाठ समयसार गाथा सौ के चार बोलो का कार्य १६६-१७४ आठवा पाठ मैने मुह से शब्द बोला इस पर सौ प्रश्नोत्तरो के द्वारा स्पष्टीकरण १७४-२११ नवमा पाठ स्वतन्त्रता की घोषणा कलश २११ २१२-२३३ दसवा पाठ उपादान-निमित्त का ४७ दोहो मे सम्वार २३३-२४७ भारतीय स्ति-दर्शन के
SR No.010117
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages253
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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