________________ ( 207 ) उत्तर-आत्मा के ज्ञान गुण मे से अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण का अभाव करके उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से ज्ञान हुआ है तो कारणानुविधायोनि कार्याणि को माना। और बोलने रूप कार्य के कारण ज्ञान रूप कार्य हुआ है ऐसी मान्यता वाले ने कारणानुविधायीनि कार्याणि को नही माना है। 24 A प्रश्न २४-भाषा वर्गणा कारण और बोलना कार्य / कारणानुविधायोनि कार्याणि को कब माना और कब नहीं माना ? उत्तर-अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान का अभाव करके उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से वोलने रूप कार्य हुआ है तो कारणानुविधायोनि कार्याणि को माना। और भाषा वर्गणा के कारण बोलने रूप कार्य हुआ हैऐसी मान्यता वाले ने कारणानुविधायोनि कार्याणि को नहीं माना। ___B. प्रश्न २४---मुहरूप आहार वर्गणा कारण और मुह खुला कार्य। कारणानुविधायीनि कार्याणि को कब माना और कब नहीं माना? उत्तर-अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान काण का अभाव करके उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से मुंह खुलने रूप कार्य हुआ है मुंह रूप आहार वर्गणा से नहीं हुआ है तो कारणानुविधायोनि कार्याणि को माना है / और मुह रूप आहार वर्गणा के कारण मुह खुलने रूप कार्य हुआ है-ऐसी मान्यता वाले ने कारणानुविधायीनि कार्याणि को नही माना। C प्रश्न २४--आत्मा का चारित्र गुण कारण और राग कार्य। कारणानुविधायोनि कार्याणि को कब माना और कब नहीं माना ? उत्तर-अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान