________________ ( 188 ) कारण हो गया। (3) अब यहाँ पर बोलने रूप कार्य के लिए मात्र अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण की तरफ देखना रहा। B. प्रश्न १०-अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण और मुह.खुला उपादेय। इसको जानने-मानने से क्या क्या लाभ हुआ? उत्तर-(१) भूत-भविष्य को पर्यायो से दृष्टि हट जाती है। (2) मुंहरूप अ हार वर्गणा जो त्रिकाली उपादान कारण था, वह भी व्यवहार कारण हो गया। (3) अव यहाँ पर मुंह खुलारूप कार्य के लिए मात्र अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादानकारण की तरफ देखना रहा। C. प्रश्न १०-अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण और राग उपादेय। इसको जानने मानने से क्या-क्या लाभ हुआ? उत्तर-(१) भूत-भविष्य की पर्यायो से दृष्टि हट जाती है। (2) आत्मा का चारित्रगुण जो त्रिकाली उपादान कारण था, वह भी व्यवहार कारण हो गया। (3) अब यहा पर राग के लिए मात्र अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण की तरफ देखना रहा। _D. प्रश्न १०-अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उशदान कारण और ज्ञान उपादेय। इसको जानने-मानने से क्या-क्या लाभ हुआ? उत्तर-(१) भूत-भविष्य को पर्यायो से दृष्टि हट जाती है। (2) आत्मा का ज्ञानगुण जो त्रिकाली उपादान कारण था, वह भी व्यवहार कारण हो गया। (3) अब यहाँ पर ज्ञानरूप कार्य के लिए मात्र अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण की तरफ देखना रहा।