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( १८ ) उत्तर–प्रश्न ११५ के अनुसार उत्तर दो।
प्रश्न ११७-कोली कारण और राग कार्य । कारणानुविधायीनि कार्याणि को कब माना और कव नहीं माना ?
उत्तर-प्रश्न ११५ के अनुसार उत्तर दो।
प्रश्न ११८-डडा कारण और राग कार्य। कारणानुविधिायीनि कार्याणि को कव माना और कब नही माना?
उत्तर–प्रश्न ११५ के अनुसार उत्तर दो।
प्रश्न ११६-हाथ कारण और राग कार्य । कारणानुविधायोनि कार्याणि को कब माना और कब नहीं माना ?
उत्तर-प्रश्न ११५ के अनुसार उत्तर दो।
प्रश्न १२०-चारित्रगुण कारण और राग कार्य । कारणानुविधायीनि कार्याणि को कब माना और कब नहीं काना? ।
उत्तर-अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण नौ नम्बर का अभाव करके उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से राग हुआ है। चारित्रगुण के कारण नही तो कारणानुविधायोनि कार्याणि को माना। और चारित्रगुण के कारण राग हुआ तो कारणानुविधायीनि कार्याणि को नही माना।।
प्रश्न १२१-~-अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादानकारण और राग कार्य। कारणानुविधायोनि कार्याणि को कव माना और कब नहीं माना।।
उत्तर-राग उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से हुआ है अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण से नही तो कारणानुविधायीनि कार्याणि को माना और अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर के कारण राग हुआ तो करणानुविधायीनि कार्याणि को नही माना।
प्रश्न १२२- बाई ने चकला, बेलन से रोटी बनाई-इस वाक्य में से 'बाई के राग' पर उपादान-उपादेय समझाइये ?