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( ८४ ) देव गुरू नहीं हैं । सम्यग्दर्शन श्रद्धा गुण में मे पाया तव पर्याय को माना और सम्यग्दर्शन दर्शन मोहनीय के उपगमादि से पाया तो पर्याय को नहीं माना। इसी प्रकार ? ६ वाक्यों का जवाब दो । प्र० ५८. समानजाति द्रव्य पर्यायों के नाम कहां आये हैं उनके कुछ नाम
बतायो ?
उ०
(१) द्रव्य संग्रह के अजीव अधिकार में तथा तत्वार्थ सूत्र में
नाये हैं। (२) टान्द, बंध,स्थूल,संस्थान,तम, छाया, अाताप, उद्योत इत्यादि
प्र० ५६. (१) शाहारक शरीर (२) तैजस शरीर (३) कार्मा शरीर (४) वैक्रियक गरीर (५) प्रौदारिक शरीर I क्या है, II इनका कर्ता कौन हैं, || इनका कर्ता कौन नहीं है, IV पर्याय को कब माना, V पर्याय को कब नहीं माना इत्यादि का उत्तर दो ? उ० (१) आहारक शरीर मुनि की अपेक्षा विचार तो असमान जाति
द्रव्य पर्याय है । और शरीर की अपेक्षा विचार समान जाति द्रव्य पयाय है। इसका कर्ता अाहार वर्गरणा है ऋद्धिधारी भूनि और दूसरी वर्गगगा नहीं है । आहार व गरीर का कर्ता पाहार वर्गणा है तब पर्याय को माना । .. आहारक शरीर का कर्ता मनि को माने या और वगंगा को माने तो पर्याय को नहीं माना।
इसी प्रकार नार वाक्यों का जबाब दो । प्र. ६.. (१) पतिज्ञान (२) श्रु त ज्ञान (३) चक्षु दर्शन (४) अवग्रह