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पाठ १०
पर्याय
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१. पर्याय किसे कहते हैं ?
गुणों के विशेष कार्य को पर्याय कहते हैं ।
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२. दर्शन मोहनीय के क्षय से सम्यक्त्व हुआ तो पर्याय को कब माना ? कब नहीं ?
सम्यक्त्व हुआ। यह पर्याय है श्रद्धा गुण में से बाई तब पर्याय को माना और दर्शन मोहनीय के क्षय से ग्राई तो पर्याय को नहीं माना । По ३. (१) केवल ज्ञानावर्णी के प्रभाव से केवल ज्ञान होता है । (२) श्रख से ज्ञान होता है । ( ३ ) गुरू से ज्ञान होता है । ( ४ ) दिव्यध्वनि से ज्ञान की प्राप्ति होती है । (५) चारित्र मोहनीय के क्षय से चारित्र होता है । (६) बाल बच्चों से सुख मिलता है । ( ७ ) भगवान के ग्राश्रय से सम्यक्त्व होता है । (८) कुम्हार घड़ा बनाता है। (६) बाई रोटी बनाती है । (१०) कुन्दकुन्द भगवान ने समयसार बनाया आदि वाक्यों में पर्याय को कब माना और कब नहीं ?
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उ० (१) केवल ज्ञानावरण के प्रभाव से केवल ज्ञान होता है । इस वाक्य में, जिसको गुणों के विशेष कार्य को पर्याय कहते हैं. ऐसा ज्ञान होगा वह जानता है ज्ञान गुण क. विशेष कार्य केवल ज्ञान है केवल जानावर्णी के प्रभाव से नहीं है । और केवल ज्ञानावर्णी का प्रभाव पर्याय है । यह