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( ६५ ) १० सीमवर प्रभु | समवशरण में | छः छः घड़ी | उपदेश देते हैं (जीव)
| (आकाश) | (काल) । (पुद्गल) ११ गौतम स्वामो मानम्तम्भ के पास प्राये तो | हृदय पलटा
(जीव) (पुद्गल) (धर्मास्तिकाय) | (काल द्रव्य) १२ इन्द्र
| सदैव सुरालय मेंसे| तीर्थंकर देव के | दर्शन को पाते है ___(जीव)
(काल) (आकाश) | (जीव-पुद्गल) (धर्मद्रव्य) १३ कुन्दकुन्दाचार्य | कुन्दनगिरी पर | निजध्यान में स्थित हैं
(जीव) (आकाश) १४ मुनिवर ग्रीष्म ऋतु में पहाड़ पर ध्यान में बैठे हैं (जीव) । (काल)
| (अधर्मास्तिकाय) १५ नन्दीश्वर धाम में शाश्वत जिनमन्दिर स्थित हैं
(आकाश) । (काल) (पुद्गल) (अधर्मास्तिकाय) १६ समोशरणमें बैठे हुए हों। | तब , जीवोंको तीव कषाय
नहीं होती (प्राकाश) । (अधर्म द्रव्य) | (काल) १७ जीव | संसार से | मोक्ष
पधारा (जीव द्रव्य) । (आकाश)
I (धर्मास्तिकाय)
(अधर्मा स्तिकाय)