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( ५० ) प्र० ७. क्या मेरी आत्मा भी गुणों का समूह है ? उ० हां तुम्हारी प्रात्मा भी गुणों का समूह है। प्र० ८. सिद्ध भगवान की आत्मा भी गुणों का समूह है ? उ० हाँ, सिद्ध भगवान की प्रात्मा भी गुगगों समूह हैं । प्र० ६. फिर सिद्ध भगवान और हमारी आत्मा के गुणों में क्या फर्क रहा ? उ० बिल्कुल फरक नहीं है जितने गुगा सिद्ध भगवान में हैं उतने ही गुण हमारी आत्मा में हैं । प्र० १० क्या प्रत्येक परमाणु भी गुणों का समूह है ? उ० हां, एक एक परमाणु गुगणों का समूह है । प्र० ११. धर्म अधर्म अाकाश और असंख्यात काल द्रव्य भी गुणों का समूह हैं ? उ० हां यह सब गुणों के समूह हैं । प्र० १२. क्या प्रत्येक द्रव्य में गण समान हो हैं ? उ० कोई भी द्रव्य हो उसमें समान ही गगा हैं कम ज्यादा नहीं हैं। प्र० १३. एक द्रव्य गगगों का सम ह है तो एकेक में कितने गगा हैं ? उ० (१) जीव अनंत है । (२) जीव से अनंत गुणा पुद्गल द्रव्य हैं । (३) पुद्गल द्रव्य से अनंत गरणा अधिक तीन काल के समय हैं। (४) तीन काल के समयों से अनंत गणा अधिक आकाश द्रव्य के प्रदेश हैं । (५) आकाश द्रव्य के प्रदेशों से अनंत गुणा अधिक एक द्रव्य में गुण हैं। प्र० १४. आकाश द्रव्य के प्रदेशों से अनंत गुणा अधिक गुगा, क्या प्रत्येक प्रत्येक द्रव्य में हैं ? उ० हां प्रत्येक प्रत्येक द्रव्य में आकाश द्रव्य के प्रदेशों से अनन्त गुणा अधिक गुण प्रत्येक द्रव्य में हैं ।