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( ४२ ) प्र० ८. अलोकाश में कितने द्रव्य हैं ? उ० एकमात्र आकाश ही शुद्ध द्रव्य है और नहीं। प्र० ६. आकाश द्रव्य के कितने प्रदेश हैं ? उ० प्रकाश द्रव्य अनंत प्रदेशी है । प्र० १०. अलोकाकाश में परिगामन होता है या नहीं ? यदि होता है तो उसके परिणमन में कौन निमित्त है ? उ० अलोकाकाश में परिणमन होता है, उसके परिणमन में काल द्रव्य निमित्त है। प्र० ११. जब अलोकाकाश में काल द्रव्य है ही नहीं, तब वह निमित्त होता है यह बात कहां से पाई ? उ० लोकाकाश में विद्यमान कालागु निमित्त है । ५० १२. लोकाकाश के प्रदेशों में एक ही प्रकार के दो द्रव्य कभी भी साथ नहीं रहते उस द्रव्य का क्या नाम है ? उ० काल द्रव्य है क्योंकि कालद्रव्य लोकाकाश के एक २ प्रदेश पर रत्नों की राशि के समान अनादि अनन्त स्थिर है । प्र० १३. कोई आदमी कहता है देखो हमने तुम्हें जगह दी, नहीं तो तुम गाड़ी से रह जाते, क्या यह बात ठीक है ? उ० बिल्कुल गलत है । जैसे एक आदमी फर्स्ट क्लास के डिब्बे में बैठा है. एक आदमी पाया, बाबू जी जरा सी जगह मुझे भी दे दो। उसने कहा चल-चल । थोड़ी देर में बारिस आ गई और गाड़ी ने सीटी दे दी; तब उस आदमी ने हाथ जोड़कर कहा, बाबू जी बहुत जरूरी काम है जरा सी जगह दे दो। उसने कहा अच्छा आपो बैठ जायो, देखो हमने तुम्हें जगह दी है ना, देखो ऐसी मान्यता वाले ने आकाश द्रव्य को उड़ा दिया क्योंकि जगह देने में निमित्त प्रकाश द्रव्य है।