________________
( १७७ ) प्र० ६. अत्यन्ताभाव किसे कहते हैं ? उ० एक द्रव्य का दूसरे द्रव्य में (त्रिकाल) अभाव सो अत्यंताभाव
प्र० ७. प्रागभाव और प्रध्वंसाभाव किसमें लगते हैं ? उ. प्रागभाव और प्रध्वंसाभाव दोनों एक ही द्रव्य को पर्यायों को
लागू होते हैं।
प्र० ८. प्रागभाव और प्रध्वंसाभाव दोनों एक ही द्रव्य को पर्यायों में कैसे
लगते हैं, समझाइये ? (१) जैसे-वाय का ईहा में प्रभाव सो प्रागभाव है। और अवाय का धारगणा में प्रभाव सो प्रध्वंमाभाव है। (२) जैसे-क्षयोपटान सम्यक्त्व का क्षायिक सम्यक्त्व में प्रभाव सो प्रध्वंनाभाव है।
प० . (१) लाडू (२) श्रुतबान (३) केवलज्ञान (४) दही (५) रोटी (६) सिटदा (5) शब्द (८) प्रौपगमिक सम्यक्त्व (६) ज्ञानावर्णी कर्म का क्षयोपशम (१०) दर्शन मोहनीय का उपशम (११) रसगुल्ला (१२) अपूर्वकरण ग्रादि में प्रागभाव और प्रध्वंसाभाव लगायो ? उ० (१) लाडू का पूर्व की पर्याय में प्रभाव प्रागभाव है। और लाडू का भविष्य की पर्याय में प्रभाव प्रध्वंसाभाव है ।
(२) श्रु तज्ञान का मतिज्ञान में प्रभाव प्रागभाव है और श्रु तज्ञान का केवलज्ञान में प्रभाव प्रध्वंसाभाव है ।
(३) (वर्तमान का)केवलज्ञान का श्रुतज्ञान में प्रभाव प्रागभाव है