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________________ ( १६३ ) प्र. २४. शरीर में कितने प्रदेशत्व गुण हैं ? जितने परमाणु है उतने प्रदेशत्व गुण हैं क्योंकि प्रत्येक द्रव्य में एक प्रदेशब्द गुण होता है। प्र० २५. प्रदेशत्व गुण को छोड़कर बाकी गुणों के परिणमन को क्या कहते हैं ? अर्थ पर्याय । प्र० २६. प्रदेशत्व गुण क्या सूचित करता है ? उ. प्रत्येक द्रव्य के आकार को बताता है । प्र. २७. यह मेज है क्या इसका एक ही प्राकार है ? उ० नहीं । मेज में जितने परमाणु हैं उतने प्राकार है। प्र. २८. प्रदेशत्व गुण रूपी है या अरूपी ? उ० पुद्गल का प्रदेशत्व गुण रूपो है बाकी द्रव्यों का प्ररूपी है। प० २९. प्रदेशत्व गुण जड़ है या चेतन ? उ. दोनों है । प्रात्मा का प्रदेशत्व गुण चेतन बाकी द्रव्यों का जड़ है ? प्र० ३०. प्रदेशत्व गरण के पर्यायवाची शब्द क्या २ हैं ? उ० प्राकार कहो, क्षेत्र कहो, किलेवन्दो कहो एक ही बात है । प्र. ३१. क्या लकड़ी के टुकड़े में कितने ही परमाणु एक दूसरे में घुस गये हैं।
SR No.010116
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages219
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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