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द्रव्यसंग्रह का कर्त्ता कौन ?
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श्री गणेशप्रसाद वर्णी जैनग्रन्थमाला वाराणसी से इन दिनो द्रव्यसग्रह नामक ग्रन्थ पुराणे पण्डित जयचन्दजी कृत भाषावचनिका और भाषा पद्यो सहित प्रगट हुआ है। सपादक जी ने इसके सम्पादन मे बहुत परिश्रम करके इसको सब तरह से उपयोगी बनाया है । उक्त वचनिका और भाषा पद्यो का यह प्रकाशन पहिली बार ही हुआ है । इसके पूर्व नहीं हुआ । साथ मे लघुद्रव्यसंग्रह भी छपा है । सम्पादकजी ने इस पर ४० पृष्ठों की प्रस्तावना लिखकर ग्रन्थ ग्रन्थकार और ग्रन्थ के संस्कृत टीकाकार ब्रह्मदेव व भाषा वचनिकाकार के विषय में अच्छी विचार सामग्री प्रस्तुत की है । उसमे अन्य २ बार्तो के अलावा आपने यह भी व्यक्त किया है कि इस द्रव्यसंग्रह के कर्त्ता वे प्रसिद्ध नेमिचन्द्र नही हैं जिन्होंने गोम्मटसार- त्रिलोक सारादि ग्रन्थो की रचना की है। किन्तु ये कोई दूसरे ही नेमिचन्द्र हैं जो उनसे उत्तरकाल मे हुए हैं। इस बात को सिद्ध करने के लिए आपने बहुत लिखा है । फिरभी हम उसे अतिम निर्णय माननेकौ तैयार नही है । अब भी उसके विरुद्ध काफी लिखे जाने की गुञ्जाइश है । इस सम्बन्ध मे आपने जो दलीले दी हैं उन्हे हम हमारी समीक्षा के साथ नीचे लिखते हैं
( दलील न० १) द्रव्य संग्रहकार मे द्रव्यसंग्रह की प्रशस्ति