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शोलविणय को तीर्यमाला (१६९११.) के अनुसार गोलग के प्रसिद्ध बोसवाल सेठ देवकरण शाह के अनुण और उदयकरण के अब-तीनों भाई सम्यक्त्वी, निर्मलबुद्धि, गवरहित और
गुरुभक्त थे। [जैसाइ. २३१] भासकरणकवि-दे. सासाराम । मासकरण मेहता- १७०८ ई० में कृष्णगढ़ नरेश राजसिंह का मुख्य दीवान था।
वह राजा कृष्णसिंह और गजा मानसिंह के मुख्यमन्त्री मेहता रायचन्द्र (स्वर्ग. १९६६ ई.) का पौत्र, और राज्यमन्त्री मेहता कृष्णदास (स्वर्ग १७०६ ई.) का पुत्र था। उसका पुत्र देवीचन्द रूपनगर नरेश सरदारसिंह का मुख्य दीवान था।
[प्रमुख. ३०६] मासकरण मेहता- जोधपुर राज्य के प्रधानमन्त्री मेहता जयमल (१६२९-३९
ई०)का पुष था, और प्रसिद्ध ख्यातकार मुहनोत नैणसी का भाई था। तीन अन्य भाई सुन्दरदास, नरसिंहदास एवं जग
माल थे, जननी सरूपदे थी। [प्रमुख. ३०७] मासकरण संघपति- धमोनी (जिला सागर, म.प्र.) के सनुकटागोत्री गोला
पूरब, दिग. जन धर्मात्मा श्रावक, मोहनदे के पति, संधपति रतनाई और हीरामणि के पिता, नरोत्तम, मण्डन, राषब, भगीरथ, नन्दि और बलभद्र के पितामह ने अपने पूरे परिवार सहित, १६५९ ई. में, दमोह के भ. ललितकीर्ति के शिष्य ब्रह्म सुमतिदास के उपदेश से, जेरठ के भ. सकलकीर्ति के शिष्य पं. द्वारिकादास से धमौनी में एक महान शान्तियज्ञ समारोह कराया था। विधान चन्द्रप्रभ जिनालय में किया गया था। मुगल सूबेदार म्बुल्लाहबां भी उन्हें बहुत मानता था। इस दानशील, उबार, धर्मात्मा श्रेष्ठ ने कई मन्दिरों का जीर्णोद्धार, कई नवीन मन्दिरों का निर्माण, तथा अन्य अनेक धार्मिक कार्य किये थे। [प्रमुख. २९५] बाषगह कटकराज और बनलदेवी के पुत्र, जासर के भाई, पृथ्वीदेवी एवं जैतल्लदेवी के पति, राजर, जवसिंह बोर गरि. सिंह के पिता, गृहस्प श्वे. विद्वान, मेषदूत टीका, उपदेशकंदली,
ऐतिहासिक म्यक्तिको