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बासराउ---
भासराज
आसा---
आसाराम
आसार्य-
मासिग ---
मास्ता
बहर
११०
विवेकमंजरी तथा कई मिनस्तोत्र-स्तुतियों के रचयिता, १२५० ई० । [ टंक. ]
दिल्ली निवासी गंगोत्री अग्रवाल दिग. जैन दानशील धर्मात्मा दिउचन्द और बालुहि के पुत्र, प्रसिद्ध संघही दिउढा साहू के तथा
माहि एवं चोचासाह के भाई -धर्मात्मा दिउढासाहु ने १४४३ ई० में अपने कुलगुरु भ. यशःकीर्ति से हरिवंशपुराण की रचना कराई थी। [ प्रमुख. २४३]
अश्वराज या अश्वक, १११० ई० । कटुकराज और आल्हणदेव के पिता, नाडोल का चौहान जैन नरेश | [गुच. १५०-१५४]
दे. अश्वगज ।
पट्टन निवासी मोठप्रातीय श्वे. ठक्कुर जल्हण का पुत्र, प्रसिद्ध मन्त्री वस्तुपाल के भाई तेजपाल की पत्नी सुहडदेवी का पिता -- १२३३ ई० के एक शि. ले. में उल्लिखित | [ टंक. ]
१. दिग., हिन्दी कवि, नेमिचन्द्रिका काव्य की रचना वि. सं. १७६१ (१७०४ ई०) में की थी अपरनाम आसकरण । इनके कई सुन्दर पद भजन भी प्राप्त हैं । [ शोधादर्श ३ - ४ ] २. दिग., हिन्दी कवि, अहिखित पार्श्वनाथस्तोत्र (१७७५ ई०) के रचयिता । [शोघांक - २८ ]
दे. अरसा - मूनन्द के ९८० ६० के शि. ले. के अनुसार इस दिग. जैन सामन्त ने सेनगण के कनकसेन मुनि को जिनालय के लिए पान का क्षेत्र दान दिया था। [जेशिसं. ii- १३७] कवि, ने जालोर में ल० १२०० ई० में जीवदयारास और चन्दनबाला रास की रचना की थी । [ कैच. १६५ ]
अजमेर में, चौहान नरेश पृथ्वीराज तृतीय के समय में, ११९० ई० में, साधु हालण की धर्मपत्नी तथा वर्धमान और महिपाल - देव की सम्मानित माता श्राविका वास्ता ने पाश्वं प्रतिमा प्रतिष्ठापित कराई थी । [ प्रमुख. २०६ : जेसिस. iii-४२१] १. अपरनाम आगड, गुजरात का चावडावंसी जैन नरेश, ल० ९०० ई० । [ गुच. २०८, २११]
२. गुजरात नरेश चौलुक्य जयसिंह सिद्धराज तथा कुमारपाल के प्रसिद्ध जैन महामन्त्री उदयन ( स्वर्ग ११५० ई०) का पुत्र,
ऐतिहासिक व्यक्तिकोश
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