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( २६८ ) (२) पर निरवार।
(चानतराय, भी मंदीरवर हीपपूजा) (१९वीं शती) (१) मोक्ष श्रीफल बौजिये।
(बस्तावररत्न, श्री ऋषमनाप जिनपूजा) (२) राना धियांस दोनो महार।
(बखताबररत्न, भी ऋषभनाब जिमपूजा) (३) देत अब संघ को दान।
(बस्तावररत्म, श्री अजितनाथ जिनपूजा) (२० वीं शती) (१) जय लक्ष्मी जिन दीजिये।
(जिनेश्वरवास, श्री चन्द्रप्रभ पूजा) (२) ये दुष्ट महा दु:ख देत हो।
(युगल, श्री देवशास्त्र गुरुपूजा) (१०) शोभ (१८ वीं शती) (१) बन सुमनस शोभे अधिकाई।
(यानतराय, श्री पंचमेह पूना) (१९ वी शती) (१) वज़ चिन्ह शोभत ।
(बातावररस्न, श्रीधर्मनाथ जिमपूजा) (२० वीं शती (१) प्राचीन लेख शोभे महान ।
(मुन्नालाल, श्री नन्हगिरि सिडनेत्र पूजा) (११) पढ़ (१८ बों शती) (१) पंचमेरु को मारतो पड़े।
(चानतराय, श्री पंचमेरू पूजा) (१६ वो शती) (१) पढ़े पाठ चित लाम।।
(बस्तावररत्न, श्री मुनिसुव्रतनाब जिनपूजा) (२० वीं शती) (१) जो गुरुवेब पढ़ाई विद्या ।
(जिनेश्वरदास, श्री बाहुबली स्वामी पूजा) (२) पढ़ते जिनमत मानत प्रधान ।
(मुन्नालाल, श्रीखण्डगिरि सिरक्षेत्र पूना) (१२) सुन (१८ वीं शती) (१) सुने जो कोय ।
(जानतराय, श्री पंचमेव पूना) (२) नाली सुनि मनसेव न मानो।
(जानतराम, श्री बरालकल धर्मपूजा)