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(५) घर (१८ वीं शती) - (१) प्रीति घरी है।
(दयानतराय, श्री बीस तीर्थ कर पूजा)
(दयानतराय, श्री वेदशास्त्र गुरुपूजा)
(दयानतराय, श्री गंदीश्वर द्वीप पूजा)
(२) पुष्प चरु दीपक धरू ।
(३) आनंव-भाव धरों ।
(१२ वीं शती) - (१) तुम भेंट धराऊ ।
(बस्तावररस्म, श्री चन्द्र प्रभु जिनपूजा)
(२) धरी शिविका मिजकंध मनोग
(वतावररत्न, श्री पार्श्वनाथ जिनपूजा)
(३) धरो तुम जन्म बनारस आन ।
(ताररत्न श्री सुपार्श्वनाथ जिनपूजा) (२० वीं शती) - (१) श्री जिनवर आगे धरवाय ।
(सेवक, श्री आदिनाथ जिनपूजा)
(२) कनक- रकाबी धरे ।
(दौलतराम, श्री पावापुर सिद्धक्षेत्र पूजा) (३) मणिमय दीप प्रजाल धरों ।
(आशाराम, श्री सोनागिरि सिद्ध क्षेत्र पूजा)
(४) प्रेम उर धरत है।
( आशाराम, श्री सोनागिरि सिद्धक्षत्र पूजा) (६) कह (१८ वीं शती) (१) गरुड़ कहे हो ।
( यानतराय, श्री बीस तीर्थ कर पूजा)
(२) भिन्न-भिन्न कडु आरती ।
(दयानतराय, श्री बीस तीर्थ कर पूजा)
(३) विजय अञ्चल मंदिर कहा ।
(ध्यानतराय, श्री पंचमेरु पूजा )
(१८ वीं शती) (१) भये पद्मावति शेष कहाये ।
(२) धर्म सारा कहा।
(बस्तावररत्न, श्री पार्श्वनाथ जिनपूजा)
(वक्तावररत्न, श्री चन्द्रप्रभु जिनपूजा)